8th Pay Commission New Update – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है – सरकार बिना 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा किए ही सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही है। अब तक परंपरा के अनुसार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग बनता था, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव करता था। लेकिन अब सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार एक नई योजना बना रही है, जिससे हर साल सैलरी में स्वत: वृद्धि संभव हो सकेगी। इस नई प्रणाली के तहत सैलरी को महंगाई दर (Inflation Rate) और अन्य आर्थिक मानकों से जोड़कर ऑटोमैटिक संशोधन किया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को हर बार सरकार की घोषणा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

भारत सरकार ला सकती है ऑटोमैटिक सैलरी रिवीजन सिस्टम
भारत सरकार अब वेतन समीक्षा प्रक्रिया को आधुनिक और नियमित बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। नई योजना के तहत एक ऑटोमैटिक सैलरी रिवीजन सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिसमें कर्मचारियों के वेतन में हर साल बदलाव होगा। यह बदलाव महंगाई दर, GDP ग्रोथ और सरकारी राजस्व के आधार पर किया जाएगा। इससे न केवल वर्तमान कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि पेंशनधारकों को भी समय-समय पर राहत मिलती रहेगी। वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है और उम्मीद है कि इसे जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस प्रणाली के लागू होने के बाद सरकार को बार-बार वेतन आयोग गठित करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे सरकारी प्रक्रिया भी सरल और पारदर्शी हो जाएगी।
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बिना 8वें वेतन आयोग के सैलरी में होगी बढ़ोतरी
सरकारी कर्मचारियों को अब सैलरी बढ़ने के लिए 8वें वेतन आयोग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यदि यह नई प्रणाली लागू होती है तो प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि होगी। केंद्रीय कर्मचारी संघ वर्षों से इस प्रणाली की मांग कर रहे थे ताकि उन्हें महंगाई से राहत मिल सके और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। इस प्रस्ताव का लाभ करीब 50 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा। इस व्यवस्था से न केवल सरकार का भार कम होगा बल्कि कर्मचारियों की आय भी स्थिर रूप से बढ़ेगी।
महंगाई भत्ता भी बदल सकता है सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा
वर्तमान में महंगाई भत्ता (DA) हर 6 महीने में संशोधित किया जाता है। लेकिन नई प्रणाली में DA को भी सैलरी स्ट्रक्चर का हिस्सा बना कर उसे हर साल सैलरी में समाहित किया जा सकता है। इससे DA की अलग से घोषणा की जरूरत नहीं होगी और कर्मचारियों को स्वतः बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रणाली न केवल व्यवहारिक है बल्कि सरकारी वित्तीय प्रबंधन के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
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योजना पर अंतिम फैसला कब तक?
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच लग सकती है। यदि सभी प्रक्रियाएं सही रहीं तो यह प्रणाली 2026 से प्रभावी हो सकती है। सरकार बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान कर सकती है। कर्मचारी संगठनों से बातचीत भी अंतिम चरण में है। अगर यह योजना लागू होती है तो यह सरकारी वेतन प्रणाली में ऐतिहासिक सुधार होगा, जो लाखों कर्मचारियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
