Land Registry Rule Update: जमीन की रजिस्ट्री का तरीका बदल गया — अक्टूबर से नया नियम लागू, अब प्रक्रिया होगी पूरी डिजिटल

Land Registry Rule Update – जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ी प्रक्रिया में सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए अक्टूबर 2025 से Land Registry Rule Update के तहत रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया है। अब संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को लंबी कतारों में लगने या सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। नई व्यवस्था के तहत सभी दस्तावेज़ों की सत्यापन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, और रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान भी डिजिटल मोड से किया जा सकेगा। इससे ना केवल समय की बचत होगी बल्कि बिचौलियों और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। भूमि संबंधित फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार बेस्ड ई-वेरिफिकेशन, डिजिटल सिग्नेचर और ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा जोड़ी गई है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोगों का विश्वास भूमि रजिस्ट्रेशन सिस्टम पर और भी मजबूत होगा। यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम को आगे बढ़ाने में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

Land Registry Rule Update
Land Registry Rule Update

अब पूरी डिजिटल होगी जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया – जानिए नया तरीका

अक्टूबर 2025 से लागू हुए नई रजिस्ट्री प्रक्रिया नियम के तहत अब संपत्ति रजिस्ट्री पूरी तरह से ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से होगी। नागरिकों को अब सभी दस्तावेज़ जैसे खसरा-खतौनी, पहचान पत्र, विक्रेता और खरीदार की जानकारी इत्यादि डिजिटल फॉर्मेट में पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। इसके अलावा, अब रजिस्ट्री फीस और स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान भी इंटरनेट बैंकिंग, UPI या अन्य डिजिटल माध्यमों से किया जा सकेगा। इस डिजिटल बदलाव से न केवल प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि इसे पारदर्शी और तेज भी बनाया गया है। रियल टाइम अपडेट की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिससे आप जान सकते हैं कि आपकी रजिस्ट्री किस स्टेज पर है। इस नई प्रणाली से आम आदमी को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब किसी भी सरकारी कर्मचारी या दलाल की मदद लिए बिना भी व्यक्ति स्वयं रजिस्ट्री करवा सकता है। यह एक बड़ा बदलाव है जो तकनीक के सहारे आम जनता को सशक्त बना रहा है।

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फर्जीवाड़े पर लगेगा रोक – आधार वेरिफिकेशन और डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य

जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सरकार ने Digital Land Registration System में आधार वेरिफिकेशन और डिजिटल सिग्नेचर को अनिवार्य कर दिया है। अब रजिस्ट्री के समय खरीदार और विक्रेता दोनों को अपने आधार नंबर के जरिए सत्यापन कराना होगा, जिससे किसी और की पहचान का दुरुपयोग न हो सके। साथ ही, दस्तावेज़ों पर डिजिटल हस्ताक्षर की व्यवस्था लागू की गई है, जिससे हर प्रक्रिया का एक सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा। यह कदम फर्जी दस्तावेज़ों और भूमि विवादों को काफी हद तक कम करेगा। इसके अतिरिक्त, डिजिटल रजिस्ट्री के तहत सभी लेन-देन और प्रक्रिया की जानकारी एक केंद्रीय डेटाबेस में सुरक्षित रहेगी, जिसे जरूरत पड़ने पर कभी भी एक्सेस किया जा सकता है। इस बदलाव के बाद आम जनता को किसी भी प्रकार के भूमि घोटालों या धोखाधड़ी से राहत मिलने की उम्मीद है।

ऑनलाइन पोर्टल से रजिस्ट्रेशन – क्या है पूरा प्रोसेस?

ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्रेशन पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया को बेहद सरल और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया गया है। सबसे पहले, व्यक्ति को राज्य सरकार के भू-स्वामी पोर्टल या भूमि रजिस्ट्रेशन वेबसाइट पर जाना होगा। वहां लॉगिन करने के बाद विक्रेता और खरीदार की जानकारी, संपत्ति का विवरण, और जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। इसके बाद रजिस्ट्री शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। भुगतान के बाद, दस्तावेजों की डिजिटल जांच होगी और यदि सब कुछ सही पाया गया, तो ऑनलाइन रजिस्ट्री सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। यह सर्टिफिकेट ईमेल और पोर्टल दोनों माध्यमों से प्राप्त किया जा सकता है। प्रक्रिया के हर स्टेज पर व्यक्ति को SMS या ईमेल के जरिए अपडेट मिलता रहेगा, जिससे पूरी प्रक्रिया ट्रैक की जा सकेगी। यह डिजिटल प्रक्रिया खासकर ग्रामीण इलाकों के लिए फायदेमंद होगी, जहां अभी तक रजिस्ट्री के लिए दूर शहरों में जाना पड़ता था।

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राज्यों ने भी शुरू की तैयारी – डिजिटल रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़ा बदलाव

Land Registry Reform October 2025 के बाद कई राज्यों ने अपने स्तर पर इस डिजिटल प्रक्रिया को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और कर्नाटक जैसे राज्यों ने अपने रजिस्ट्रेशन पोर्टल को अपडेट किया है और स्थानीय कर्मचारियों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि रजिस्ट्री से संबंधित कोई भी प्रक्रिया अब मैनुअली न हो और सभी कार्य ऑनलाइन माध्यम से ही हो। ग्रामीण क्षेत्रों में CSC (Common Service Center) के माध्यम से भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे डिजिटल रजिस्ट्रेशन वहां भी संभव हो सके। इसके अलावा, सरकार ने कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क की भी शुरुआत की है, जहां नागरिकों को मार्गदर्शन मिलेगा। यह कदम केवल आधुनिकता की ओर नहीं बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त और नागरिक केंद्रित प्रशासन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

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