Minimum balance limit fixed : SBI, PNB and HDFC , बैंक ग्राहकों के लिए

Minimum balance limit fixed – भारतीय बैंकों ने हाल ही में अपने खाताधारकों के लिए Minimum Balance Limit को लेकर बड़ा फैसला लिया है। देश के प्रमुख बैंक जैसे SBI, PNB और HDFC Bank ने बचत खाते में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की नई सीमा तय कर दी है। अब ग्राहकों को अपने खाते में तय राशि से कम बैलेंस रखने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। बैंक का कहना है कि यह कदम खातों के रखरखाव और सेवा गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। कई शहरी शाखाओं में न्यूनतम राशि ₹10,000 तक हो सकती है जबकि ग्रामीण खातों के लिए यह सीमा ₹2,000 से ₹3,000 के बीच रखी गई है। इस बदलाव से करोड़ों ग्राहकों को अपने खाते के बैलेंस पर ध्यान देना जरूरी हो गया है।

Minimum balance limit fixed
Minimum balance limit fixed

SBI Minimum Balance Limit 2025

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने नए वित्तीय वर्ष में Savings Account Limit को अपडेट किया है। अब मेट्रो शहरों में ग्राहकों को अपने खाते में कम से कम ₹10,000 का बैलेंस बनाए रखना होगा। वहीं, सेमी-अर्बन क्षेत्रों के लिए यह सीमा ₹5,000 और ग्रामीण इलाकों के लिए ₹2,000 तय की गई है। अगर किसी ग्राहक का बैलेंस इस सीमा से कम होता है तो बैंक ₹10 से ₹15 तक की पेनल्टी चार्ज कर सकता है। SBI ने अपने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे अपने खाते को ऑनलाइन माध्यम से नियमित रूप से मॉनिटर करें ताकि अनावश्यक चार्ज से बचा जा सके।

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PNB और HDFC Bank के नए नियम

Punjab National Bank (PNB) और HDFC Bank ने भी अपनी न्यूनतम बैलेंस नीति को अपडेट किया है। PNB ग्राहकों को अब मेट्रो शहरों में ₹10,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1,000 तक का बैलेंस रखना अनिवार्य होगा। वहीं, HDFC ने शहरी क्षेत्रों के लिए ₹10,000 और ग्रामीण शाखाओं के लिए ₹5,000 की सीमा तय की है। यदि ग्राहक इस सीमा से नीचे जाते हैं तो बैंक ₹150 से ₹300 तक का शुल्क वसूल सकता है। ये नियम 1 नवंबर 2025 से लागू होंगे। इस बदलाव से बैंक खातों में पारदर्शिता और ग्राहक अनुशासन बढ़ाने की उम्मीद है।

ग्राहकों पर क्या होगा असर

इन नए नियमों का सीधा असर छोटे खाताधारकों पर पड़ेगा जो अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा नकद लेनदेन में उपयोग करते हैं। Minimum Balance Penalty लागू होने से ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के ग्राहक अतिरिक्त भार महसूस कर सकते हैं। हालांकि, बैंक ने डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर कोई पेनल्टी न लगाने की घोषणा की है। इससे ग्राहकों को नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और UPI जैसे माध्यमों का अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम बैंकिंग सेक्टर को डिजिटल दिशा में आगे ले जाएगा।

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क्या है बचाव का तरीका

अगर आप इन नई नीतियों से बचना चाहते हैं, तो कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं। सबसे पहले, अपने खाते में Average Monthly Balance बनाए रखें। इसके अलावा, बैंक द्वारा दी जाने वाली ऑटो-स्वीप सुविधा का उपयोग करें जिसमें आपकी अतिरिक्त राशि अपने आप फिक्स्ड डिपॉजिट में बदल जाती है और ब्याज भी देती है। साथ ही, मोबाइल बैंकिंग ऐप से अपने बैलेंस की नियमित जांच करते रहें। इससे आप जुर्माने से बच सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं, तो केवल आवश्यक खाते ही सक्रिय रखें।

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