B.ED D.EL.ED New Rule 2025 – B.ED D.EL.ED New Rule 2025: B.Ed और D.El.Ed को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने नया नियम जारी किया है, जिससे लाखों विद्यार्थियों और शिक्षकों में हलचल मच गई है। नए नियम के तहत अब दोनों कोर्स की संरचना, प्रवेश प्रक्रिया, और शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में शामिल होने के लिए योग्यता मानकों में बड़े बदलाव किए गए हैं। पहले जहां दोनों कोर्स के बीच स्पष्ट अंतर था, वहीं अब इनकी प्रशिक्षण प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और स्किल-आधारित बनाया गया है। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि 2025 से लागू यह नियम शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाएगा और स्कूलों में बेहतर प्रशिक्षित अध्यापक तैयार करेगा। नई गाइडलाइन के अनुसार, अब कोर्स में तकनीकी शिक्षा और डिजिटल लर्निंग को भी शामिल किया गया है ताकि भविष्य के अध्यापक समय के साथ कदम मिला सकें।

B.Ed Course के लिए नया नियम 2025
शिक्षा मंत्रालय ने B.Ed कोर्स के लिए कई नए प्रावधान लागू किए हैं जो 2025 से प्रभावी होंगे। अब बी.एड कोर्स की अवधि में मामूली बदलाव के साथ इसमें इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग को अधिक महत्व दिया गया है। इसके अलावा, अब B.Ed करने वाले विद्यार्थियों को डिजिटल क्लासरूम, ऑनलाइन टीचिंग टूल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लर्निंग के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले यह कोर्स सिर्फ शिक्षण कला पर केंद्रित था, लेकिन अब यह कोर्स आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप अपडेट किया गया है। सरकार का कहना है कि नया सिलेबस आने वाले समय में स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग प्रदान करेगा।
D.El.Ed के नए नियम से बड़ा बदलाव
D.El.Ed यानी डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के लिए भी शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। अब यह कोर्स 2 साल की बजाय 3 साल का किया जा सकता है, जिसमें पहले वर्ष में बेसिक एजुकेशन और अगले वर्षों में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर रहेगा। इस नए नियम के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को समान अवसर दिए जाएंगे। अब D.El.Ed कोर्स में बाल मनोविज्ञान, डिजिटल लर्निंग, और विशेष शिक्षा पर आधारित नए विषय जोड़े गए हैं। यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था को जमीनी स्तर पर मजबूत करेगा और प्राथमिक शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाएगा।
दोनों कोर्स में प्रवेश के नए मानदंड
2025 से B.Ed और D.El.Ed दोनों में प्रवेश के लिए योग्यता मानदंड में भी बदलाव किया गया है। अब उम्मीदवारों को ग्रेजुएशन में न्यूनतम 50% अंक अनिवार्य करने के साथ-साथ एक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NETE) पास करनी होगी। इस परीक्षा का उद्देश्य बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षकों का चयन करना है। इसके अलावा, अब ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवार भी आसानी से आवेदन कर सकें। नए मानदंडों के तहत प्रवेश पूरी तरह मेरिट और पात्रता परीक्षा के आधार पर होगा जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
शिक्षक भर्ती में भी बदलाव की संभावना
B.Ed और D.El.Ed कोर्स के नए नियमों के बाद अब शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। सरकार का कहना है कि अब शिक्षकों की भर्ती केवल डिग्री के आधार पर नहीं बल्कि प्रैक्टिकल नॉलेज और डिजिटल टीचिंग स्किल्स पर भी की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग राज्यों में नए चयन आयोग बनाए जा सकते हैं जो उम्मीदवारों का मूल्यांकन आधुनिक मानकों के आधार पर करेंगे। यह बदलाव न केवल शिक्षा प्रणाली को सुधारेंगे बल्कि भविष्य में शिक्षण को एक प्रोफेशनल करियर के रूप में मजबूत बनाएंगे।
