CIBIL Score Rule – भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में सिबिल स्कोर (CIBIL Score) से संबंधित नए नियम जारी किए हैं, जिससे लाखों लोन लेने वालों को राहत मिलेगी और बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी। पहले ऐसा देखा जाता था कि ग्राहकों की सिबिल रिपोर्ट में छोटी-छोटी गलतियों की वजह से लोन रिजेक्ट हो जाते थे, जिससे आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ता था। अब RBI के नए नियमों के तहत बैंकों और NBFCs को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर ग्राहक की क्रेडिट जानकारी सही, अपडेटेड और सटीक रहे। अगर किसी व्यक्ति की सिबिल रिपोर्ट में कोई गलती पाई जाती है, तो उसे 30 दिनों के भीतर सुधारना अनिवार्य कर दिया गया है।

RBI के नए CIBIL Score नियम क्या हैं?
RBI ने सिबिल स्कोर से जुड़े नियमों को और सख्त बनाते हुए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जवाबदेह किया है। अब हर बैंक और NBFC को अपने ग्राहकों के क्रेडिट डेटा को हर महीने अपडेट करना अनिवार्य होगा। अगर किसी ग्राहक की सिबिल रिपोर्ट में गलत जानकारी दर्ज होती है और वह इसके खिलाफ शिकायत करता है, तो बैंक को 30 दिनों के भीतर उस गलती को सुधारना होगा। अगर बैंक ऐसा नहीं करता, तो उस पर RBI की ओर से सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहकों को उनके वास्तविक क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही लोन मिल सके और किसी भी प्रकार के डेटा मैनिपुलेशन की संभावना समाप्त हो।
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कम सिबिल स्कोर वालों के लिए अब और मुश्किल होगी लोन प्रक्रिया
RBI के नए नियमों का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ेगा जिनका सिबिल स्कोर 700 से नीचे है। अब बैंकों को हर लोन आवेदन से पहले ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री का गहराई से विश्लेषण करना होगा। इसका मतलब है कि यदि किसी व्यक्ति ने लगातार EMI मिस की है, क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान समय पर नहीं किया है, या पहले से ही किसी डिफॉल्ट की स्थिति में है, तो उसे लोन मिलने की संभावना बहुत कम होगी। वहीं, जिनका सिबिल स्कोर अच्छा है (700 से ऊपर), उन्हें ब्याज दरों पर भी छूट मिल सकती है। इस कदम से लोगों को अपने वित्तीय व्यवहार में सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी ताकि वे बेहतर सिबिल स्कोर बनाए रख सकें।
RBI के नियमों से बैंकिंग सेक्टर में बढ़ेगी पारदर्शिता
RBI का यह कदम न केवल ग्राहकों बल्कि पूरे बैंकिंग सिस्टम के लिए सकारात्मक बदलाव लाएगा। पहले बैंकों को डेटा अपडेट करने की कोई सख्त समय सीमा नहीं थी, जिससे कई बार ग्राहकों की पुरानी या गलत जानकारी रिपोर्ट में बनी रहती थी। अब RBI ने यह सुनिश्चित किया है कि बैंक अपने सभी ग्राहकों के क्रेडिट रिकॉर्ड को समय-समय पर अपडेट करें। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और क्रेडिट रिपोर्ट की विश्वसनीयता में सुधार होगा। साथ ही, यह कदम वित्तीय समावेशन को भी प्रोत्साहन देगा क्योंकि सही जानकारी के आधार पर ही बैंक अब निर्णय लेंगे।
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ग्राहकों को अपने CIBIL Score पर नजर रखना क्यों जरूरी है?
RBI के नए नियमों के तहत ग्राहकों की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें अब अपनी सिबिल रिपोर्ट को नियमित रूप से जांचते रहना चाहिए ताकि किसी भी गलती या गलत एंट्री का पता समय पर लगाया जा सके। समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान करने से सिबिल स्कोर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे भविष्य में कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ग्राहक वित्तीय अनुशासन बनाए रखें और अपने खर्चों को समझदारी से प्रबंधित करें, तो उन्हें किसी भी बैंक से लोन पाने में मुश्किल नहीं होगी। RBI का यह कदम निश्चित रूप से भारत की वित्तीय पारदर्शिता को और मजबूत करेगा।
