Diwali Bonus 2025 Latest News – दिवाली 2025 से पहले देशभर के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार ने सभी पात्र सरकारी एवं कुछ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ₹6,908 का विशेष बोनस जारी करने की घोषणा की है। यह बोनस कर्मचारियों को त्योहारों के दौरान अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से दिया जा रहा है। बोनस राशि सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें दिवाली की खरीदारी और खर्चों में राहत मिल सकेगी। यह घोषणा खासकर उन कर्मचारियों के लिए राहतभरी है, जो महंगाई के दौर में अतिरिक्त आय की उम्मीद लगाए बैठे थे। बोनस का लाभ पाने के लिए कर्मचारियों को किसी विशेष फॉर्म या आवेदन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि उनके सेवा रिकॉर्ड और कार्यभार के आधार पर यह राशि स्वचालित रूप से दी जाएगी। सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी त्योहारी सीजन में गति देगा।

सरकारी कर्मचारियों के लिए दिवाली बोनस 2025 – पूरी जानकारी
दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को ₹6,908 का बोनस देने का निर्णय सरकार की बड़ी पहल मानी जा रही है। केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर बोनस की घोषणा कर रही हैं। यह बोनस ग्रुप C और ग्रुप D स्तर के कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रदान किया जा रहा है। कुछ राज्यों ने तो आउटसोर्स और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी इस स्कीम में शामिल किया है। यह बोनस उन कर्मचारियों को मिलेगा, जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2024–25 में कम से कम 6 महीने की सेवा पूरी की हो। बोनस राशि कर्मचारियों के बैंक खाते में सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) माध्यम से भेजी जाएगी। कर्मचारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बैंक विवरण और अन्य जानकारियां विभाग में अपडेट हों। इससे यह त्योहार पहले से भी ज्यादा रौशनी और खुशियों से भरा साबित होगा, क्योंकि आर्थिक सहारा सभी के लिए उपयोगी है।
प्राइवेट सेक्टर और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ?
इस साल सरकार की पहल का दायरा केवल सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। कुछ निजी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को ₹6,908 के आसपास का बोनस देने का ऐलान किया है, जिससे कॉर्पोरेट सेक्टर में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। प्राइवेट कंपनियां आम तौर पर अपने कर्मचारियों की वार्षिक परफॉर्मेंस और टारगेट अचीवमेंट के आधार पर बोनस तय करती हैं। वहीं, कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे कर्मचारी यदि सरकारी विभाग से जुड़े हैं, तो उन्हें भी बोनस मिलने की संभावना है। हालांकि, इसके लिए अंतिम निर्णय संबंधित विभाग और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को ईमेल के जरिए बोनस की सूचना भेजनी शुरू कर दी है। ऐसे में सभी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने HR डिपार्टमेंट से बोनस अपडेट के बारे में जानकारी लें और यह सुनिश्चित करें कि उनकी बैंक डिटेल्स अप टू डेट हों।
बोनस के वितरण की प्रक्रिया और समयसीमा
₹6,908 के दिवाली बोनस का वितरण अक्टूबर 2025 के तीसरे सप्ताह से शुरू किया जाएगा, ताकि कर्मचारियों को दिवाली से पहले यह राशि मिल सके। केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि बोनस का भुगतान DBT प्रणाली के तहत सीधा लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। अधिकतर विभागों ने बोनस प्रक्रिया को ऑटोमैटिक रखा है, यानी कर्मचारियों को कोई अलग से आवेदन या फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं है। कुछ राज्यों में जहां अभी तक विभागीय स्वीकृति बाकी है, वहां प्रक्रिया 28 अक्टूबर तक पूरी कर दी जाएगी। यह समयसीमा इसलिए तय की गई है ताकि सभी को दिवाली से पहले ही राशि प्राप्त हो सके। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विभागीय पोर्टल पर लॉग इन करके अपने बैंक विवरण और सेवा रिकॉर्ड की स्थिति जांच लें। बोनस मिलने की स्थिति में SMS या ईमेल के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा।
दिवाली बोनस का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
त्योहारों के समय जब लोग ज्यादा खरीदारी करते हैं, तब सरकार द्वारा दिया गया यह बोनस बाज़ार में मांग को बढ़ाने का काम करता है। ₹6,908 की अतिरिक्त राशि मिलने से कर्मचारी इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, मिठाइयाँ, फर्नीचर आदि चीजों की खरीद में अधिक रुचि दिखाते हैं। इससे छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े रिटेल स्टोर्स तक की बिक्री में बढ़ोतरी होती है। इससे GST कलेक्शन बढ़ता है और सरकार को भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होता है। इसके अलावा, यह बोनस ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को गति देता है। किसानों, मजदूरों और छोटे व्यवसायियों को भी इसका फायदा अप्रत्यक्ष रूप से मिलता है क्योंकि बाजार में कैश फ्लो बढ़ता है। इस तरह देखा जाए तो दिवाली बोनस केवल कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक पहल है जो आर्थिक विकास और उपभोग को बढ़ावा देती है।