Land Registry New Rule 2025 – सरकार ने भूमि पंजीकरण प्रणाली में बड़ा सुधार करते हुए Land Registry New Rule 2025 लागू कर दिया है, जिसके तहत अब केवल 3 दिनों में रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया पूरी होगी। पहले जहां रजिस्ट्री प्रक्रिया में हफ्तों लग जाते थे, वहीं अब डिजिटल सिस्टम और नए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को तुरंत लाभ मिलेगा। इस नए नियम से न केवल समय की बचत होगी बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। पहले भ्रष्टाचार और दस्तावेज़ों की देरी के कारण नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार की डिजिटल भूमि प्रणाली (Digital Land Registry System) इस समस्या को खत्म करेगी। इस बदलाव से किसानों, घर खरीदारों और प्रॉपर्टी डीलरों को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि अब भूमि का स्वामित्व ट्रांसफर भी तुरंत ऑनलाइन रजिस्टर्ड होगा।

Land Registry New Rule 2025 से नागरिकों को क्या लाभ मिलेगा
नए Land Registry Rule 2025 के लागू होने के बाद, नागरिकों को अब रजिस्ट्री के लिए लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है, जिसमें सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे और सत्यापन ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए होगा। यह व्यवस्था खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो दूसरे राज्यों या शहरों में रहते हैं और रजिस्ट्री के लिए बार-बार सरकारी दफ्तर नहीं जाना चाहते। साथ ही अब संपत्ति से संबंधित विवादों और फर्जी रजिस्ट्री मामलों में भी कमी आएगी। यह कदम प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल को और मजबूती देगा।
रजिस्ट्री प्रक्रिया कैसे होगी अब 3 दिनों में पूरी
नई भूमि पंजीकरण प्रणाली के तहत सभी दस्तावेज़ों की स्कैनिंग और सत्यापन अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगा। खरीदार और विक्रेता दोनों को अपने आधार कार्ड, संपत्ति के दस्तावेज़ और कर रसीदें ऑनलाइन जमा करनी होंगी। इसके बाद संबंधित विभाग दस्तावेज़ों की डिजिटल जांच करेगा और तीन दिनों के भीतर रजिस्ट्री पूरी हो जाएगी। नागरिक अपने मोबाइल नंबर या ईमेल के माध्यम से रजिस्ट्री की स्थिति ट्रैक कर सकेंगे। इस पूरी प्रक्रिया में किसी प्रकार के बिचौलियों की भूमिका नहीं होगी, जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।
किसानों और प्रॉपर्टी खरीदारों के लिए बड़ी राहत
किसानों के लिए यह सिस्टम बेहद लाभदायक साबित होगा क्योंकि अब उन्हें अपनी जमीन के दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने और अपडेट कराने में आसानी होगी। पहले जहां छोटे किसानों को तहसील कार्यालयों में बार-बार चक्कर काटने पड़ते थे, वहीं अब यह काम घर बैठे किया जा सकेगा। नई प्रणाली में हर भूमि रिकॉर्ड का यूनिक डिजिटल कोड जनरेट होगा जिससे स्वामित्व विवादों में भी कमी आएगी। यह बदलाव रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी लाएगा क्योंकि रजिस्ट्री के तुरंत बाद खरीदार अपने नाम से स्वामित्व प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे।
डिजिटल भूमि प्रणाली से पारदर्शिता और सुरक्षा में बढ़ोतरी
सरकार का लक्ष्य इस नई डिजिटल भूमि पंजीकरण प्रणाली से पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाना है। ब्लॉकचेन आधारित तकनीक के उपयोग से अब कोई भी व्यक्ति दस्तावेज़ों से छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। साथ ही, हर रजिस्ट्री रिकॉर्ड का डेटा राष्ट्रीय भूमि डेटाबेस में सुरक्षित रहेगा, जिससे नागरिक कभी भी अपनी संपत्ति का विवरण देख सकेंगे। यह प्रणाली राज्य और केंद्र दोनों के स्तर पर जुड़ी होगी ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सके। Land Registry New Rule 2025 आने वाले वर्षों में भारत को पूरी तरह पेपरलेस और पारदर्शी भूमि व्यवस्था की दिशा में अग्रसर करेगा।
