Petrol and Diesel Price – देशभर में पेट्रोल-डीजल के दामों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली है, जिससे आम जनता को राहत की सांस मिली है। तेल कंपनियों ने 18 अक्टूबर 2025 से नए रेट लागू कर दिए हैं। पिछले कई महीनों से लगातार बढ़ती तेल की कीमतों के कारण लोगों के बजट पर भारी असर पड़ रहा था, लेकिन अब नए रेट लागू होने से वाहनों का खर्च कम होगा। खास बात यह है कि कई राज्यों में पेट्रोल की कीमत ₹2 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹1.50 प्रति लीटर तक घटी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटने और डॉलर की मजबूती कम होने की वजह से यह राहत मिली है। हालांकि आने वाले हफ्तों में यह देखना होगा कि क्या यह कमी स्थायी रहती है या नहीं।

आज से लागू हुए नए पेट्रोल-डीजल रेट
तेल कंपनियों ने 18 अक्टूबर 2025 से देश के अलग-अलग शहरों में नए पेट्रोल और डीजल के रेट जारी किए हैं। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹95.32 प्रति लीटर और डीजल ₹88.18 प्रति लीटर हो गई है। मुंबई में पेट्रोल ₹104.25 और डीजल ₹92.15 प्रति लीटर तक पहुंच गया है। चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी करीब ₹1.50 से ₹2 की राहत देखने को मिली है। सरकार का कहना है कि आम जनता को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि ट्रांसपोर्ट और जरूरी सामान की कीमतों पर भी इसका असर पड़े। यह फैसला त्योहारी सीजन से ठीक पहले आया है, जिससे बाजार में खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
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किन राज्यों में सबसे ज्यादा हुई कीमतों में कटौती
इस बार की कटौती में राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में सबसे अधिक राहत दी गई है। राजस्थान में पेट्रोल की कीमत ₹3 तक और डीजल की ₹2.50 तक घटाई गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में औसतन ₹1.80 की कमी दर्ज की गई है। पेट्रोलियम मंत्रालय का कहना है कि राज्यों के टैक्स स्ट्रक्चर के कारण हर जगह एक जैसी कटौती नहीं हो पाई है, लेकिन ज्यादातर इलाकों में कीमतें अब नियंत्रण में हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहती है, तो आने वाले महीनों में और कमी संभव है।
कच्चे तेल के दामों में गिरावट से मिली राहत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले कुछ हफ्तों में लगातार घटे हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमत 90 डॉलर से गिरकर अब 83 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गई है। इससे तेल कंपनियों को आयात पर कम खर्च करना पड़ा, जिसका सीधा फायदा आम जनता को मिला है। भारत जैसे देश, जो 80% से ज्यादा तेल का आयात करते हैं, उनके लिए यह गिरावट बड़ी राहत साबित हुई है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति अगर लंबे समय तक बनी रहती है, तो महंगाई पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है।
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आगे क्या हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
तेल बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। अगर डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होता है और कच्चे तेल की कीमतें नियंत्रित रहती हैं, तो सरकार आने वाले महीनों में और राहत दे सकती है। हालांकि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिर से उथल-पुथल बढ़ी या मध्य पूर्व में तनाव बढ़ा, तो कीमतों में दोबारा उछाल भी संभव है। फिलहाल आम जनता के लिए यह राहत भरा वक्त है क्योंकि लंबे समय के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में इतनी बड़ी कटौती देखने को मिली है।
