UPI से साल में कितना लेन देन करें की टैक्स न देना पड़े UPI Transaction Latest update

UPI Transaction Latest update – आजकल भारत में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें सबसे बड़ा योगदान UPI (Unified Payments Interface) का है। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े कारोबारी तक, हर कोई UPI के माध्यम से लेन-देन कर रहा है। लेकिन एक आम सवाल हर यूजर के मन में उठता है – क्या UPI से ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर इनकम टैक्स देना पड़ेगा? सरकार ने सीधे तौर पर UPI पर कोई टैक्स नहीं लगाया है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में आपके UPI ट्रांजैक्शन इनकम टैक्स विभाग की नजर में आ सकते हैं। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि साल में कितनी रकम UPI से ट्रांसफर करने पर टैक्स नहीं देना पड़ता, और किन परिस्थितियों में यह रकम टैक्स के दायरे में आ सकती है। यह जानकारी खासतौर पर फ्रीलांसर, छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों के लिए बेहद जरूरी है।

UPI Transaction Latest update
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UPI ट्रांजैक्शन पर टैक्स – कब देना होता है और कब नहीं?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि सरकार ने UPI ट्रांजैक्शन पर कोई अलग से टैक्स नहीं लगाया है। लेकिन अगर आपके खाते में आने वाली रकम को ‘इन्कम’ के तौर पर माना जाए, तो वह टैक्सेबल हो सकती है। मौजूदा इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, यदि आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है (60 वर्ष से कम आयु के लिए), तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यानी अगर आप साल भर में ₹2.5 लाख तक की इनकम करते हैं, चाहे वह UPI से आए या किसी अन्य माध्यम से, तो वह टैक्स फ्री मानी जाएगी। लेकिन यदि आपके खाते में सालाना ₹10 लाख या उससे अधिक का ट्रांजैक्शन होता है, तो आयकर विभाग को शक हो सकता है कि यह आपकी अघोषित इनकम है।

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कौन से ट्रांजैक्शन टैक्स फ्री माने जाएंगे?

हर तरह का UPI लेन-देन टैक्स के दायरे में नहीं आता। यदि कोई दोस्त या परिवार का सदस्य आपको गिफ्ट के रूप में ₹50,000 तक की राशि ट्रांसफर करता है, तो वह टैक्स फ्री होता है। इसी तरह, यदि आप किसी को निजी उधार देते हैं या उधार वापस लेते हैं, तो वह भी टैक्स योग्य इनकम नहीं मानी जाती। लेकिन यदि आप फ्रीलांसिंग से कमाई करते हैं, ऑनलाइन कोई सेवा बेचते हैं, किराए की आमदनी UPI से प्राप्त करते हैं, या कोई व्यापार करते हैं जिसमें पेमेंट UPI से आती है – तो उस इनकम को टैक्स रिटर्न में दिखाना जरूरी है। इनकम का स्रोत साफ होना चाहिए, ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो।

IT विभाग की नजर किस पर होती है?

इनकम टैक्स विभाग का ध्यान सिर्फ ट्रांजैक्शन की संख्या पर नहीं होता, बल्कि आपके अकाउंट में आने वाली कुल रकम और उसके सोर्स पर होता है। बैंक और पेमेंट ऐप्स समय-समय पर हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन की रिपोर्ट IT विभाग को देते हैं। यदि किसी यूजर के खाते में एक साल में ₹10 लाख से अधिक का UPI ट्रांजैक्शन होता है, और वह व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करता, तो विभाग नोटिस भेज सकता है। खासतौर पर अगर वह ट्रांजैक्शन किसी व्यापार या प्रोफेशनल सर्विस से जुड़ा हो।

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टैक्स से बचने के लिए क्या सावधानी रखें?

अगर आप UPI का इस्तेमाल केवल दोस्तों या परिवार के साथ सीमित स्तर पर करते हैं, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि आप रेगुलर इनकम UPI से प्राप्त कर रहे हैं, तो उसका रिकॉर्ड रखें और साल के अंत में टैक्स रिटर्न जरूर भरें। ट्रांजैक्शन करते समय विवरण (remark) में स्पष्ट रूप से ‘gift’, ‘rent’, ‘loan repayment’ जैसे शब्द लिखें ताकि सोर्स क्लियर हो। पारदर्शिता ही आपको भविष्य में टैक्स नोटिस से बचा सकती है।

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