Railway New Rules – रेलवे टिकट के नए नियम जारी: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए टिकट बुकिंग से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य फर्जी बुकिंग, दलाली और ब्लैक टिकटिंग जैसी समस्याओं को खत्म करना है। अब यात्रियों को ऑनलाइन टिकट बुक करते समय पहचान सत्यापन की नई प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें आधार या पैन कार्ड जैसी पहचान अनिवार्य होगी। रेलवे ने यह कदम डिजिटल पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया है। इसके साथ ही, अब रिफंड और वेटिंग लिस्ट से जुड़े नियम भी बदल दिए गए हैं ताकि यात्रियों को समय पर जानकारी और सुविधा मिल सके।

भारतीय यात्रियों के लिए रेलवे टिकट बुकिंग के नए नियम
भारतीय रेलवे ने हाल ही में टिकट बुकिंग प्रणाली में कई बड़े बदलाव किए हैं। अब एक यूजर आईडी से प्रतिदिन केवल छह टिकट ही बुक किए जा सकेंगे, जिससे एजेंटों और दलालों पर नियंत्रण रखा जा सके। इसके अलावा, तत्काल टिकट बुकिंग का समय भी बदल दिया गया है ताकि अधिक यात्रियों को समान अवसर मिल सके। अब एसी और नॉन-एसी टिकटों की बुकिंग का समय अलग-अलग होगा। साथ ही, आईआरसीटीसी वेबसाइट पर बुकिंग करते समय अब यात्रियों को अपनी पहचान आधार कार्ड से लिंक करनी होगी। यह बदलाव टिकट ब्लैकिंग और फर्जी बुकिंग को रोकने में मदद करेगा।
ऑनलाइन बुकिंग में पहचान सत्यापन और सुरक्षा उपाय
अब रेलवे टिकट बुक करते समय यात्रियों को पहचान पत्र से सत्यापन कराना अनिवार्य हो गया है। यात्री आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं। यदि किसी यात्री की जानकारी गलत पाई जाती है, तो उसका टिकट स्वतः रद्द किया जा सकता है। रेलवे ने यह भी तय किया है कि एक ही व्यक्ति द्वारा कई अकाउंट से टिकट बुक करने की कोशिश पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया से टिकट दलालों और एजेंटों पर बड़ी रोक लगाई जाएगी। नया सिस्टम पूरी तरह डिजिटल है, जो हर बुकिंग को ट्रैक करेगा और पारदर्शिता बनाए रखेगा।
टिकट कैंसिलेशन और रिफंड प्रक्रिया में बदलाव
रेलवे ने रिफंड से संबंधित नियमों को यात्रियों के हित में और सरल बना दिया है। अब टिकट रद्द करने पर रिफंड सीधे उसी बैंक खाते में ऑटोमैटिक जमा होगा जिससे टिकट बुक किया गया था। अगर ट्रेन रद्द होती है तो यात्रियों को पूरा पैसा वापस मिलेगा। वहीं अगर यात्री स्वयं टिकट रद्द करता है तो रद्दीकरण शुल्क नियम के अनुसार काटा जाएगा। रेलवे ने यह भी कहा है कि वेटिंग टिकट यदि कन्फर्म नहीं होता तो रिफंड प्रक्रिया स्वतः शुरू हो जाएगी। इससे यात्रियों को शिकायत दर्ज कराने या स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नई वेटिंग लिस्ट और सीट अलॉटमेंट नीति
भारतीय रेलवे ने अब वेटिंग लिस्ट यात्रियों के लिए नई नीति लागू की है। ट्रेन के चार्ट बनने से पहले तक यदि कोई सीट खाली रहती है, तो उसे ऑटोमैटिक सिस्टम के जरिए अगले वेटिंग लिस्ट यात्री को अलॉट कर दिया जाएगा। इसके अलावा, चार्ट तैयार होने के बाद भी खाली सीट की रीयल-टाइम जानकारी यात्रियों को वेबसाइट और ऐप पर मिलेगी। इससे कोई भी सीट व्यर्थ नहीं जाएगी और यात्रियों को अंतिम समय तक कन्फर्म टिकट मिलने की उम्मीद बनी रहेगी। इन सभी नए बदलावों से रेलवे सेवा अब और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और यात्री हितैषी बन गई है।